हाथी की सोच short story on elephant in hindi

एक बार एक आदमी कही से गुजर रहा था तोह उसे सड़क के किनारे हाथी रस्सियों से बंधे हुए मिले तोह वोह अचरज में आ गया की ये कैसे.तब उसने महावत से पूछा की एक बात बताइए भाई की हाथी जैसा विशाल जानवर एक रस्सी से कैसे बंधा रह सकता है,वोह तोह आराम से रस्सी को तोड़ सकता है लेकिन में देख रहा हु की हाथी तोह रस्सी से बंधे है,आपको इन्हें लोहे की जंजीरों से बांधना चाहिए लेकिन आपने इन्हें रस्सियों से बाँधा है और ये भागते नहीं,ऐसा कैसे हो सकता है.

तब वोह महावत बोला की हाथियो को बचपन से ही इन रस्सियों से बाँधा जाता है,तब इन हाथिओ के पास इतनी ताक़त नहीं होती है की वोह इस रस्सी को तोड़ सके,वोह तोड़ने की कोशिश करते थे लेकिन रस्सी नहीं तोड़ पाते थे,इसी वजह से उन्हें बचपन से ही ये भ्रम होता है की वोह इस रस्सी को नहीं तोड़ पायेंगे इसलिए वोह बड़े होकर रस्सी तोड़ने की कोशिश भी नहीं करते.

वोह आदमी महावत की बात सुनकर बहुत अचंभित होता है और वहा से चला जाता है.

तोह दोस्तों इस कहानी के जरिये में आप सभी लोगो को ये बात बताना चाहता हु की एक इन्सान की सोच भी हाथी जैसी हो जाती है,अगर इन्सान कोई भी काम करता है और उसमे असफलता हासिल करता है तोह वोह आगे यही सोचता है की अब दोवारा करूँगा तोह भी मुझे असफलता ही मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं क्योकि हो सकता है की आप कुछ अच्छे ढंग से इस बार प्रयत्न करे

अगर आपके अन्दर भी ये हाथी जैसी सोच है तोह अपनी सोच को अभी बदलिए क्योकि आप हाथी नहीं एक इंसान हो.और इन्सान कुछ भी कर सकता है,इन्सान से बढकर ना कुछ है और ना ही कुछ होगा.

अगर आप अपने अन्दर हाथी जेसी सोच रखते हो तोह आप अपने सपनो की अर्थी जरुर निकाल सकते हो क्योकि आप भूल जाते हो की असफलता कामयाबी की एक सीडी है,आप असफल होने के बाद कोशिश करोगे तब ही आप बड़ी कामयाबी पा सकते हो.क्योकि दुनिया में बड़ी कामयाबी जिसने भी पायी है उसने बहुत ज्यादा नाकामयाबी भी पायी है.इसलिए उठिए जागिये और अपनी रस्सी को तोडिये,और फिर देखिये आपकी जिन्दगी में एक बहुत बड़ा बदलाव आएगा.

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